“सबको जय सियाराम 🙏🏻
अपना परिचय देते हुए आप सभी विद्वत्वरेण्यों को; मेरे लिये बड़ी हास्यास्पद बात लगती है क्योंकि ऐसा महसूस हो रहा है कि एक जुगनू सूर्य को प्रकाश का परिचय करा रहा है।
लेकिन यह आप सबके पुण्य आशीर्वाद का प्रसाद ही है जिसे पान कर “पंचामृत” रूप में उपस्थित हूं।
अगर कहीं; किसी रूप में पंचामृत में किसी मिश्रण की अधिकता या न्यूनता हो जाये तो अबोध समझ कर क्षमा प्रदान करेंगें ऐसा इस विद्यार्थी की अभिलाषा और विश्वास है।
मैं डॉ. अविनाश भारद्वाज “रामभद्र” स्वर्णिम “बिहार” के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से भरे “सिवान” जिले के भगवानपुर प्रखंड के पिपरहियाँ गांव से आता हूँ तथा मेरा छोटा सा शैक्षणिक एवमं कार्य परिचय इस पटल पर उपलब्ध है।